Tuesday, July 23, 2019

organon

ूत्र १७०
दवा की तर्क-शैली

हर मामले में जब रोग की अवस्था बदल जाती हैं तो जो लक्षण अब प्रकट हो रहे हैं उनकी छानबीन करनी चाहिए.
इस बात की ओर कोई ध्यान न दे कि आपने पहले से दूसरी दवा तय कर रखी हैं जो आप बाद में देने वाले थे.
जो चिकित्सक के सामने परिस्थिति उभरती हैं चिकित्सक को उसके अनुरूप दवा देनी हैं. पहले तय की हुई दवा यदि बदली हुई परिस्थिति में अनुरूप दवा नहीं हैं तो उसे न दे. वही दवा दे जो अनुरूप दवा हैं.
लेकिन ऐसा यदि होता हैं, जो कि अक्सर होता नहीं हैं, कि भविष्य में जब चिकित्सक निर्णय ले रहा हैं तो उसे वही दवा परिस्थिति और रोग के अनुरूप लगती हैं जो उसने बाद में देने के लिए पहले से सोच रखी थी. ऐसा होता हैं तो चिकित्सक का आत्मविश्वास बढ़ जाता हैं और उसने उसी दवा का चयन करना हैं जिसके बारे में उसने पहले से सोच रखा हैं.